*तपोवन नगर पंचायत पर आरक्षण बदलने से बदले समीकरण, राष्ट्रीय पार्टियों के बीच दावेदारों की दिख रही खींचातानी*

(रिपोर्ट@ईश्वर शुक्ला)
ऋषिकेश/उत्तराखंड भास्कर – जनपद टिहरी गढ़वाल की तपोवन नगर पंचायत में पहलें आरक्षण में अध्यक्ष पद की सीट महिला ओबीसी होने से जो समीकरण उम्मीदवारों के बीच बने थे वो दूसरे आरक्षण के दौरान सामान्य महिला सीट के साथ बदल गये है। जो उम्मीदवार पहले मजबूत दिख रहे थे। अब नये उम्मीदवार के प्रवेश से समीकरण बदलते दिखाई दें रहे हैं। जिसमें पहले सिर्फ भाजपा खेमे से 5 प्रबल उम्मीदवार थे। उसमे अब भाजपा खेमे से एक और विपक्षी खेमे से एक नये उम्मीदवार और जुड़ जाने से चुनावी समीकरण बदल गये है। जहाँ विपक्ष पहले भाजपा के बागी उम्मीदवार पर नजर लगाए बैठा था। अब उसे अपना उम्मीदवार ही मिल गया। जिस पर अब विपक्ष सब कुछ दाव पर लगाने को तैयार हैं। वहीं सत्ता पक्ष के प्रबल दावेदार में संगीता कुलियाल, विनीता बिष्ठ, पूजा बहुगुणा, कविता कंडवाल, और ज्योति भंडारी के बीच ही टिकट की खींचतान रह गयी हैं। अब देखते हैं की इनमे कौन टिकट की रेस में बाजी मारता हैं और बागी होकर मैदान में चुनौती देता हैं। विपक्ष लामबंद होकर 2027 के विधानसभा के चुनाव के लिए पूर्व विधायक ओमगोपाल को मजबूत करने के लिए पंचायत की सीट को जीतना जरुरी हैं। जिसमें कॉग्रेस के संभावित उम्मीदवार चैन सिंह बिष्ठ, पूर्व प्रधान तपोवन की पत्नी रोशनी बिष्ठ और कांग्रेस के दिग्गज नेता यशपाल भंडारी की पत्नी उषा भंडारी के बीच टिकट का फैसला होगा। जिसमें चैन सिंह बिष्ठ की पत्नी रोशनी बिष्ठ की दावेदारी मजबूत दिख रही हैं। वहीं भाजपा के खेमे से विनीता बिष्ठ जो पूर्व ब्लॉक प्रमुख भी रही हैं। भाजपा में टिकट की दावेदारी में हैं। विनीता बिष्ठ के पति स्व मोहन सिंह बिष्ठ पूर्व में तपोवन के प्रधान भी रहे हैं। जिनकी विरासत के रूप में उनको देखा जा रहा था। परन्तु उनकी सामाजिक गतिविधियों एवं जनता के बीच उपस्थिति नहीं होने से जनता के बीच उनकी लोकप्रियता कम हैं। साथ ही अपने कार्यकाल में उनके किये कार्य प्रश्न चिह्न के रूप में सामने खड़े हैं कि उन्होंने क्षेत्र के कार्य नहीं किये। वहीं सत्ता पक्ष की दूसरी उम्मीदवार राजेश बहुगुणा की पत्नी पूजा बहुगुणा जो की एक शिक्षिका भी हैं। मजबूत उम्मीदवार के रूप में अपनी उम्मीदवार कर रही हैं। परतु सामाजिक और जनहित में उनकी भागेदारी बिलकुल भी नहीं हैं। इसमें उनके साथ सिर्फ अपने पति राजेश बहुगुणा के कार्यों का ही सहारा हैं। क्युकी पुरुष सीट के प्रबल दावेदारो में उनके पति का नाम था तथा क्षेत्रीय विधायक और सरकार में मंत्री के खास होने से उनकी दावेदारी मजबूत दिख रही है। वहीं तीसरा नाम संगीता कुलियाल का भी हैं। जो पिछले तपोवन के पंचायत चुनाव में 4 उम्मीदवार के बीच में दूसरे स्थान पर रही थी। वर्तमान में भाजपा संगठन में ओबीसी महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष हैं। संगीता कुलियाल के पति विनोद कुलियाल एक शिक्षक हैं और समाज में सभी वर्गों से जुड़े हैं और जनहित में उनके द्वारा लगातार तपोवन के लिए कार्य कर रहे हैं। उनके द्वारा तपोवन में जंगलात की भूमि में बने अवैध शराब बार का विरोध किया गया और धार्मिक सीमा के अंदर मांस व शराब के लिए जन आंदोलन किया। जिसमें क्षेत्र के सभी साधु संतो ने एक मंच पर आकर विनोद कुलियाल साथ दिया। जिससे क्षेत्र अवैध नशा और मांस बिकना बंद हुआ। जन आंदोलन में विनोद कुलियाल द्वारा तपोवन में पानी के टैंक जिस पर कब्ज़ा किया जा रहा था। उसको बनवाने में अपनी भूमिका पूर्ण रूप में की। जिसकी चर्चा आज तपोवन के प्रत्येक नागरिक की जुबान पर हैं। तपोवन नगर पंचायत सीमा की बात हो या बजरंग सेतु का नाम बदल कर उस लक्ष्मण सेतु करवाने का जन जागरण हो हर उस कार्य जो जनहित का हो उसमे सक्रिय भूमिका निभाई हैं। जिससे चलते संगीता कुलियाल की दावेदारी सबसे प्रबल दिख रही हैं। वहीं सत्ता पक्ष की चौथी प्रबल दावेदार कविता कंडवाल ओबीसी मोर्चा की अध्यक्ष होने के तहत उनकी भी प्रबल दावेदारी हैं। सत्ता पक्ष की पांचवी दावेदार सरोजनी कोठरी है। जिनकी वजह से ये सीट सामान्य महिला होने की बात सामने आ रही हैं भी प्रबल दावेदार हैं। वर्तमान में सरोजनी कोठरी मंत्री प्रतिनिधि के पद पर भी हैं। जनता के बीच ये बात चल रही हैं। विपक्ष एक होने से सत्ता पक्ष को नुकसान हो सकता हैं और कहने वाले ये भी कह रहे हैं कि ये चुनाव महिला सीट के भले हो पर इस चुनाव में पुरुष नाम ही आगे होंगे और कौन पुरुष विपक्ष को मजबूत टक्कर दें सकता हैं ये देखने योग्य होगा।