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*वन अग्नि की रोकथाम के लिए विभाग ने तैयार की योजना, पिरूल का संग्रहण और उसका व्यवस्थित निस्तारण करने की योजना, कई स्थानियों को मिला रोजगार का मौका*
(रिपोर्ट@ईश्वर शुक्ला) ऋषिकेश/उत्तराखंड भास्कर – नरेंद्र नगर वन प्रभाग क्षेत्र अंतर्गत वन अग्नि की रोकथाम को विभाग ने एक योजना तैयार की है। इस योजना से जहां वनों में आग लगने की संभावना कम होगी वहीं कई लोगों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे।
नरेंद्र नगर वन प्रभाग के उपवन संरक्षक जीवन मोहन दगड़े ने बताया कि नरेंद्र नगर वन विभाग ने पिरूल का संग्रहण और उसका व्यवस्थित निस्तारण करने की योजना विभाग ने बनाई है। योजना के अंतर्गत पिरूल एकत्रित करने वाली संस्था जिसमे वन पंचायत, ग्राम पंचायत, स्वयं सहायता समूह शामिल होंगे, को पिरूल एकत्रित कर वन विभाग के सुपुर्द करने की एवज में प्रत्येक किलो के लिए 10 रुपए दिए जाएंगे। सप्ताह में काम से कम एक बार निश्चित समय पर विभाग द्वारा स्थापित पिरूल एकत्रीकरण केंद्र पर वाहन लाकर पिरूल तोल कर दिए जाने का प्रावधान बनाया गया है। इस योजना से स्थानीय लोगों को आय के साधन उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना के लागू होने से वन क्षेत्र में आग लगने के जोखिम कम होंगे। क्योंकि चीड़ के पिरूल वनों में आग लगने के लिए प्रमुख कारण बनते हैं।
क्योंकि यह अत्यधिक ज्वलंतशील होते हैं। इस संबंध में वन विभाग ने तमाम संस्थाओं क साथ ग्रामीणों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। वन विभाग की इस योजना से जुड़ने के लिए इच्छुक व्यक्ति को वन विभाग में अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। भरी गर्मी में आग से पिरूल को बचाने के लिए एकत्रीकरण केंद्रों में पर्याप्त पानी, अग्निशमन यंत्र व अन्य उपकरण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लागू होने से पर्यावरण संतुलन में भी सुधार होगा इसके अलावा वन्य जीवों और वनस्पतियों की सुरक्षा में मदद मिलेगी। इस योजना की जानकारी मिलने से ग्रामीणों में उत्साह देखा जा रहा है वह इस योजना का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। बताया कि वर्तमान समय तक 30 कुंतल ज्यादा पिरूल इकट्ठा कर लिया गया है।
क्योंकि यह अत्यधिक ज्वलंतशील होते हैं। इस संबंध में वन विभाग ने तमाम संस्थाओं क साथ ग्रामीणों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। वन विभाग की इस योजना से जुड़ने के लिए इच्छुक व्यक्ति को वन विभाग में अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। भरी गर्मी में आग से पिरूल को बचाने के लिए एकत्रीकरण केंद्रों में पर्याप्त पानी, अग्निशमन यंत्र व अन्य उपकरण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लागू होने से पर्यावरण संतुलन में भी सुधार होगा इसके अलावा वन्य जीवों और वनस्पतियों की सुरक्षा में मदद मिलेगी। इस योजना की जानकारी मिलने से ग्रामीणों में उत्साह देखा जा रहा है वह इस योजना का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। बताया कि वर्तमान समय तक 30 कुंतल ज्यादा पिरूल इकट्ठा कर लिया गया है।




