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*वन विभाग की बड़ी कार्रवाई: आसाराम बापू के कब्जे से वन भूमि मुक्त, नीरगढ़ में ध्वस्त की गई कालातीत लीज, वर्षों से कब्जे में चल रहे अवैध निर्माण पर चला बुलडोज़र*

(रिपोर्ट@संवाददाता)
ऋषिकेश/उत्तराखंड भास्कर – उत्तराखंड में वन भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ जारी मुहिम के तहत वन विभाग ने शुक्रवार को प्रख्यात संत आसाराम बापू के आश्रम से जुड़ी जमीन पर बड़ी कार्रवाई करते हुए नीरगढ़ क्षेत्र में स्थित कालातीत लीज संख्या-59 को ध्वस्त कर दिया।
यह भूमि मुनिकीरेती के शिवपुरी रेंज अंतर्गत आरक्षित वन क्षेत्र (ख. सं. 4) में आती है, जो वर्षों से आसाराम बापू आश्रम के अधीन अवैध रूप से कब्जाई गई थी। माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्देशानुसार, वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए इस जमीन पर बने अवैध भवनों को गिरा दिया और भूमि को दोबारा अपने अधिकार में ले लिया।
नोटिस के बावजूद खाली नहीं किया कब्जा।
वन विभाग द्वारा पूर्व में भी कई बार चेतावनी व नोटिस जारी किए गए थे। अशोक कुमार गर्ग, आशाराम बापू आश्रम के मैनेजर, रामसेवक दास, नीरगढ़ को आरक्षित वन क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया गया था।
लेकिन बार-बार नोटिस देने के बावजूद अवैध कब्जा जारी रहा, जिसके चलते वन विभाग को बलपूर्वक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करनी पड़ी।
“किसी भी अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा” : वन क्षेत्राधिकारी।
कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे शिवपुरी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी विवेक जोशी ने बताया कि यह कार्रवाई उच्च न्यायालय के आदेश पर की गई है। और आने वाले दिनों में अन्य अतिक्रमणकारियों पर भी कार्रवाई जारी रहेगी। प्रभागीय वनाधिकारी के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि कोई भी चाहे कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो, वन भूमि पर अवैध कब्जा नहीं कर सकता।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सख्त कदम।
यह कार्रवाई केवल भूमि को खाली कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य वन क्षेत्र की बहाली और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखना भी है। वन विभाग अब इस भूमि को पुनः हरित क्षेत्र में परिवर्तित करने की योजना बना रहा है।

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