
(रिपोर्ट@संवाददाता) ऋषिकेश/उत्तराखंड भास्कर-
श्रीराम कथा स्थल पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन का आयोजन भक्ति, प्रेम और आनंद के रस में सराबोर रहा। आज कथा में भगवान श्रीकृष्ण और देवी रुक्मिणी के विवाह प्रसंग का वर्णन हुआ, जिसे सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।
कथावाचक ने रुक्मिणी विवाह प्रसंग का अत्यंत सुंदर और भावनात्मक वर्णन किया जब भगवान श्रीकृष्ण साक्षात द्वारका से कुंवारी रुक्मिणी को हरकर लाए, तो पूरा वातावरण “जय श्रीकृष्ण! जय रुक्मिणी मातेश्वरी!” के जयघोषों से गूंज उठा।
मंच पर सजीव झांकी के रूप में श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का अलौकिक दृश्य प्रस्तुत किया गया। विवाह मंडप को फूलों, झालरों और दीपों से भव्य रूप से सजाया गया था। जब कथावाचक ने मंगल गीतों के साथ विवाह मंत्रों का उच्चारण किया, तो श्रद्धालु भक्तजन पुष्पवर्षा करते हुए भक्ति रस में झूम उठे।

भजन “बार-बार बधाई हो, श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह की” के साथ कथा स्थल आनंदधाम में बदल गया।
कथा के दौरान प्रेम, समर्पण और आस्था के भावों से ओतप्रोत श्रद्धालु श्रीकृष्ण-रुक्मिणी के दिव्य मिलन का साक्षात अनुभव करते प्रतीत हुए। बच्चों, महिलाओं और वृद्धों ने झूमते हुए आरती उतारी और श्रीहरि से अपने जीवन में प्रेम व सौहार्द का आशीर्वाद माँगा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से मुकेश अग्रवाल, श्रीमती मधु अग्रवाल, शांतनु अग्रवाल, श्रीमती नेहा अग्रवाल, अयान्श अग्रवाल, राहुल सिंघल, श्रीमती तृप्ति सिंघल, विभा अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, निशा अग्रवाल, हरीश जोशी, कमला जोशी, बसन्त जोशी, कान्ति बल्लभ जोशी, रवि जोशी, जतिन जोशी आदि भक्तगण एवं स्थानीय श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
श्रीमद्भागवत कथा का समापन 9 नवंबर को विशाल भंडारे के साथ किया जाएगा।




