*दो दर्जन महिलाओं को रोजगार के लिए मिली सिलाई मशीन, निर्मल आश्रम द्वारा संचालित हरिकृपा केंद्र में हुआ कार्यक्रम*

(रिपोर्ट@ईश्वर शुक्ला)
ऋषिकेश/उत्तराखंड भास्कर – निर्मल आश्रम द्वारा संचालित हरिकृपा सिलाई केंद्र में सिलाई का कोर्स करने आई दो दर्जन महिलाओं का कोर्स पूरा हो गया है सभी महिलाओं को आश्रम के महंत राम सिंह महाराज और व्यवस्थापक संत जोध सिंह महाराज ने स्वरोजगार करने के लिए पेंडल वाली सिलाई मशीन सहित वस्त्र सर्टिफिकेट व प्रसाद उपहार स्वरूप दी। आशीर्वाद देकर उनके उज्जवल भविष्य की प्रार्थना भी की।
मंगलवार को निर्मल आश्रम द्वारा संचालित हरि कृपा सिलाई केंद्र में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ निर्मल आश्रम के महंत राम सिंह महाराज और संत जोध सिंह महाराज ने किया इस दौरान पिछले साल सत्र 2023-24 में से सिलाई का कोर्स कर रही 22 महिलाओं को कोर्स पूरा होने पर सर्टिफिकेट दिए गए मौके पर महंत राम सिंह महाराज और संत जोध सिंह महाराज ने सभी महिलाओं को स्वरोजगार करने के लिए पैंडल वाली सिलाई मशीन भी उपहार स्वरूप भेंट की महिलाओं ने मशीन मिलने और निःशुल्क रूप से सिलाई का कोर्स सीखने पर निर्मल आश्रम और हरि कृपा सिलाई केंद्र का आभार जताया। इस दौरान दो दर्जन से अधिक नई महिलाओं ने सत्र 2024-25 हरि कृपा सिलाई केंद्र में फॉर्म भी भरा है सभी महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ने के लिए अब सिलाई का कोर्स करेंगी। महंत राम सिंह महाराज और संत जोध सिंह महाराज ने कहा कि उनका पूरा प्रयास है कि हर महिला स्वरोजगार से जुड़कर अपना रोजगार करें। इसलिए हरिकृपा सिलाई केंद्र की स्थापना की गई है। जिससे आने वाली महिलाएं लगातार निशुल्क रूप से सिलाई सीखकर रोजगार से जुड़ने का प्रयास कर रही है।
इस दौरान पूजा सिंह राधिका मुस्कान मानसी नीतू संध्या साहनी बबली सरकार सकीना प्रिया मोर्य साक्षी पासवान सहित 22 महिलाएं लाभान्वित रही। कार्यक्रम के दौरान हरि कृपा सिलाई केंद्र की संचालिका परमजीत कौर उर्फ पम्मी दीदी, हरमनप्रीत सिंह गुरजिंदर सिंह मनप्रीत सिंह महीस उनियाल देवेंद्र सिंह भट्ट निर्मल सिंह बृजेश कुमार महावीर सिंह सजवान रामजीवन सिंह दिनेश शर्मा हैप्पी सिंह बॉबी कश्यप जियालाल अमनदीप सिंह अरुण थपलियाल चंडी प्रसाद बिजल्वाण आदि उपस्थित रहे।
2005 से संचालित हो रही है हरि कृपा सिलाई केंद्र। बता दें कि निर्मल आश्रम संस्थान ऋषिकेश द्वारा संचालित हरि कृपा सिलाई केंद्र सन 2005 से लगातार संचालित हो रही है इस दौरान 24 वर्षों में दूर दराज व आसपास के क्षेत्र से महिलाओं ने केंद्र में निशुल्क प्रशिक्षण लेकर स्वरोजगार से जुड़कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है।