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*विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण कर लोगों को किया जागरूक, भागीरथी वृत्त मुनि की रेती में हुआ कार्यक्रम*

 

(रिपार्ट@ईश्वर शुक्ला)
ऋषिकेश/उत्तराखंड भास्कर-  आज 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वन संरक्षक भागीरथी वृत्त परिसर में विभिन्न प्रकार के फलदार पीपल बरगद नीम आदि पौधों का रोपण कर लोगों के साथ अधीनस्थ वन कर्मियों को ऑक्सीजन और जल के प्रति जागरूक करते हुए जीवन में लगातार पौधारोपण करने की अपील भी की गयी।
लोगों को संबोधित करते हुए धर्म सिंह मीणा वन संरक्षक भागीरथी वृत्त ने बताया कि पृथ्वी पर मनुष्य का जीवन ऑक्सीजन और जल की वजह से है चल रहा है जिसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को पर्यावरण और जल को संरक्षण करने के लिए लगातार वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है।
वन संरक्षक ने बताया कि पर्यावरण जीवन और उनके जीवन का आधार और एक अनिवार्य घटक है उसके बिना जीवन अकल्पना है। हमारा जीवन चक्र पर्यावरण में स्थित है और पर्यावरण द्वारा ही आयोजित होता है। हम उसी में जन्म लेते हैं जीते हैं और मृत्यु के बाद उसी में विलीन हो जाते हैं। बताया हम वनस्पतियों और अन्य प्राणियों की हि तरह पर्यावरण के अंग होते हैं परंतु अपने अहंकार में हम अपनी इस मौलिक सदस्यता को भूलकर अपने को पर्यावरण से अलग तत्व के रूप में देखते हैं। हम मनुष्य और पर्यावरण की दो अलग अलग कोटिया या श्रेणियां बना लेते हैं जो भिन्न मान ले ली जाती हैं। इनके बीच का रिश्ता भी उपभोक्ता (कंज्यूमर) और उपभोग्य वस्तु (कंज्यूमेबल ऑब्जेक्ट) मान बैठे हैं। पर्यावरण हमारे लिए एक संसाधन होता गया है जिसमें कुछ नवीकरणीय भी होते हैं और कुछ समाप्त होकर उसे रूप में वापस नहीं मिलते। अपनी संपदाओं के कारण धरती को वसुंधरा कहते हैं वह हमारे लिए सुख के स्रोत उपलब्ध कराती हैं।
डीएफओ नरेंद्रनगर जीवन मोहन दगड़े ने कहा कि हमारी धरती हमारा भविष्य है हम लोगों को पर्यावरण संरक्षित करने की कोशिश करनी होगी धरती और उसकी पारिस्थितिक को बचाना हमारा पहला कर्तव्य है जैव विविधता को बचाना और जलवायु पर्यावरण के खतरे से बचाना मनुष्य की रक्षा के लिए जरूरी है।
डीएफओ उत्तरकाशी डी.पी. बलूनी ने कहा की आज धरती और पर्यावरण की सीमाओं को बिना पहचाने उसका अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है। ऐसा करते हुए हम यह अक्सर भूल जाते हैं कि हमारा आहार हमारी सांसे और हमारे क्रिया-कलाप सब कुछ पर्यावरण से ही उधार लिया हुआ है। यदि पर्यावरण इसमें कोई कोताही करता है तो स्थिति विकट हो जाती है।कहा कि कॉविड-19 की महामारी के दौरान हम सब ने विश्व भर में यह बात अपनी आंखों देखी कि पर्यावरण के साथ रिश्ता कितना नाजुक होता है उस दौरान ऑक्सीजन की कालाबाजारी तक हुई।
डीएफओ उत्तरकाशी ग्रामीण आर.एन पांडेय ने कहा कि पृथ्वी सभी प्राणियों का बिना भेदभाव के माता की तरह भरण पोषण करती है आज इसे बुलाकर हम निर्मम भाव से इस पर्यावरण को अपने अविवेकपूर्ण आचरण द्वारा तरह-तरह की आघात पहुंचा कर लगातार उसका हृदय छलनी कर रहे हैं और शरीर नष्ट भ्रष्ट कर रहे हैं ऐसा करते हुए अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी चला रहे हैं पेड़ करते जा रहे हैं, वन जलाए जा रहे हैं, कंक्रीट के जंगल उग रहे हैं, और रासायनिक खाद से धरती की उर्वराशक्ति नष्ट हो रही है जो आने वाले भविष्य के लिए सही संकेत नहीं है। कार्यक्रम के दौरान उपप्रभागीय वनाधिकारी देवप्रयाग अनिल पैन्यूली उप प्रभागीय वनाधिकारी नरेंद्र नगर किशोर नौटियाल वन क्षेत्राधिकारियों विवेक जोशी वन दरोगा विजेंद्र चौहान संजय कुमार अंकित राणा आदि तमाम अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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