Blogआस्थाउत्तराखंड भास्करऋषिकेशखास खबरटिहरी गढ़वाल

*गंगा आरती में शामिल हुए सनातन धर्म विकास परिषद उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त अध्यक्ष स्वामी रसिक महाराज,  शत्रुघ्न घाट मुनि की रेती पर गौ गंगा सेवा समिति ने किया भव्य स्वागत, सनातन धर्म की चुनौतियों पर दिया संदेश*

 

(रिपोर्ट@ईश्वर शुक्ला)                                    ऋषिकेश/उत्तराखंड भास्कर-  उत्तर प्रदेश सनातन धर्म विकास परिषद के नवनियुक्त अध्यक्ष एवं नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने कहा कि वर्तमान समय में सनातन धर्म और संस्कृति गंभीर चुनौतियों से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्म की मूल आत्मा उसके धर्मग्रंथों में निहित होती है, जो जीवन जीने की सही दिशा और आत्मबोध का मार्ग दिखाते हैं, लेकिन आज का समाज अपने मूल ग्रंथों से दूर होता जा रहा है।

शनिवार को श्री गंगा गौ सेवा समिति मुनि की रेती द्वारा माँ गंगा की दैनिक आरती से पूर्व स्वामी रसिक महाराज का शत्रुघ्न घाट स्थित भगवान आदिबद्रीनारायण श्री शत्रुघ्न मंदिर में भव्य स्वागत किया गया। सायं लगभग पांच बजे स्वामी रसिक महाराज मंदिर पहुंचे, जहां महंत मनोज प्रपन्नाचार्य सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने उनका अभिनंदन किया। इसके पश्चात मंदिर एवं माँ गंगा की विधिवत पूजा-अर्चना सम्पन्न हुई।

सनातन धर्म को सबसे बड़ा खतरा भीतर से : स्वामी रसिक महाराज                                                     लव जिहाद, धर्मांतरण और नशे की प्रवृत्ति पर जताई चिंता

माँ गंगा की आरती में उपस्थित सैकड़ों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी रसिक महाराज ने कहा कि सनातन धर्म को सबसे बड़ा खतरा किसी अन्य धर्म से नहीं, बल्कि झूठे धर्मगुरुओं और भ्रमित सोच से है, जो भीतर-भीतर इसकी नींव को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज लव जिहाद, जबरन धर्मांतरण और युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति समाज के लिए अत्यंत घातक है, जिससे सतर्क रहने की आवश्यकता है।

उन्होंने संत समाज से आह्वान किया कि वे नगर-नगर और गांव-गांव जाकर लोगों को सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों से जोड़ने का कार्य करें और युवाओं को जागरूक करें, ताकि समाज को सही दिशा मिल सके।

इस अवसर पर महामंडलेश्वर भारत माता मंदिर के महंत ललितानंद गिरि जी महाराज, केशव स्वरूप ब्रह्मचारी, गौ गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष महंत मनोज प्रपन्नाचार्य, सचिव रमाबल्लभ भट्ट, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती नीलम बिजल्वाण, हिमांशु बिजल्वाण, सुरकंडा देवी डोली उपासक आचार्य अजय बिजल्वाण, प्रधानाचार्य डॉ. जनार्दन कैरवान, विजय बडोनी, गोपाल चौहान, आचार्य जितेंद्र भट्ट, आचार्य सुभाष डोभाल, मनमोहन शर्मा, मनन द्विवेदी, पुष्पा ध्यानी, विमल बडोनी, भारत भूषण कुकरेती, कमल सिंह राणा, सुरेंद्र भंडारी, दर्शनी भंडारी, शैलेंद्र बहुगुणा, योगेश बहुगुणा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

Related Articles

Back to top button