
(रिपोर्ट@संवाददाता) ऋषिकेश/उत्तराखंड भास्कर- श्रीराम कथा स्थल पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन का आयोजन श्रद्धा और भक्ति के भावों से ओतप्रोत रहा। सैकड़ों श्रद्धालु भक्तों ने कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
कथावाचक ने आज के सत्र में महर्षि दधीचि और भक्त प्रह्लाद की प्रेरणादायक कथा सुनाई, जिसमें त्याग, भक्ति और धर्म की महिमा का वर्णन किया गया। कथा के दौरान श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर भावविभोर हो उठे।
श्रीमद्भागवत कथा का चौथा दिवस ज्ञान, भक्ति और त्याग का अद्भुत संगम लेकर आया। मंच पर जब भगवान श्रीहरि की लीलाओं का वर्णन हुआ तो वातावरण में भक्ति का सागर उमड़ पड़ा। कथा के मध्य भाग में जब “कृष्ण जन्मोत्सव” का प्रसंग आया तो पूरा परिसर “नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की” के जयघोषों से गूंज उठा। बाल स्वरूप श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए भक्तों में अपार उत्साह देखने को मिला। भक्ति भाव से ओतप्रोत श्रद्धालु फूलों की वर्षा करते हुए नाचते-गाते रहे, मानो स्वयं नंदगांव का दृश्य साकार हो उठा हो।
सत्संग हॉल को फूलों, मालाओं और रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया था। सुगंधित धूप और भजन की स्वर लहरियों ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। भक्तजन पूरे मनोयोग से कथा श्रवण में लीन रहे और भगवान के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित की।
इस अवसर पर मुकेश अग्रवाल, मधु अग्रवाल, शांतनु अग्रवाल, नेहा अग्रवाल, दिवाकर चौबे जी, सतीश दुबे, नागेंद्र मिश्रा सहित अन्य मित्र, परिजन और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
श्रीमद्भागवत कथा का समापन 9 नवंबर को विशाल भंडारे के साथ किया जाएगा।




