*उत्तराखंड के सभी पर्व हमारी विरासत : ब्लॉक प्रमुख गौरव सिंह, नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ना समय की जरूरत, सभी स्कूलों में पर्वों की जानकारी देने के निर्देश*

(रिपोर्ट@भारत गुप्ता)
डोईवाला/उत्तराखंड भास्कर- ब्लॉक प्रमुख गौरव सिंह ने कहा कि उत्तराखंड की परंपरा और संस्कृति हमारी सबसे बड़ी विरासत है, और इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपने राज्य के पर्वों और परंपराओं की जानकारी होना आवश्यक है, क्योंकि यही उनकी जड़ों और पहचान से जोड़े रखती है।
उन्होंने बताया कि विद्यालय निरीक्षण के दौरान जब बच्चों से प्रदेश के पारंपरिक पर्वों-जैसे हरेला, फूलदेई, इगास-बग्वाल, मकर संक्रांति, घी संक्रांति और होल्यार के महत्व के बारे में पूछा गया, तो कई छात्र और छात्राएं उनके अर्थ और मान्यता से अनजान पाए गए। इस पर चिंता व्यक्त करते हुए ब्लॉक प्रमुख ने कहा कि यह स्थिति दर्शाती है कि अब विद्यालयों में सांस्कृतिक शिक्षा पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
खंडविकास अधिकारी परशुराम सोलंकी ने खंड शिक्षा अधिकारी को पत्राचार कर विकासखंड के सभी विद्यालयों में ‘लोक संस्कृति और पर्व जागरूकता सप्ताह’ मनाया जाए, जिसमें बच्चों को प्रदेश के पर्वों, लोककथाओं, पारंपरिक गीतों और लोकनृत्यों के बारे में जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को केवल पुस्तकीय शिक्षा न दें, बल्कि जीवन से जुड़ी सांस्कृतिक शिक्षा भी प्रदान करें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्व केवल उत्सव नहीं हैं, बल्कि परिश्रम, प्रकृति, पशुधन और परिवार के प्रति सम्मान की भावना के प्रतीक हैं। पर्वों के माध्यम से समाज में एकता और सद्भाव का संदेश भी मिलता है।




