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*गंगा में बहने से 7 शिवभक्तों की जान बचाई, SDRF की साहसिक और त्वरित कार्रवाई से टला बड़ा हादसा*

(रिपोर्ट@ईश्वर शुक्ला)
हरिद्वार/उत्तराखंड भास्कर – कांवड़ मेला के दौरान शुक्रवार को हरिद्वार के विभिन्न घाटों पर गंगा नदी में डूबते सात शिवभक्तों को SDRF उत्तराखंड की टीमों ने प्रभावी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सुरक्षित बाहर निकाला। सभी घटनाएं कांगड़ा घाट, बैरागी कैंप घाट और प्रेमनगर आश्रम घाट पर हुईं।
एसडीआरएफ की मुस्तैदी और अदम्य साहस के चलते एक ही दिन में सात कीमती जिंदगियों को गंगा की तेज धार से बचा लिया गया। रेस्क्यू में किसी अन्य एजेंसी की भूमिका नहीं रही, पूरा अभियान केवल SDRF द्वारा संचालित किया गया।

कांगड़ा घाट पर 4 घटनाएं, 4 युवक बचाए गए।
सुबह 10:15 बजे सिरसा हरियाणा के दिवाकर 15 स्नान के दौरान फिसलकर बहने लगे, दोपहर 1:48 पर बड़ौत उ.प्र. के अंश 14 नदी में गिर पड़े, 3:30 बजे बुराड़ी दिल्ली के विष्णु 17 गंगा पार करते समय बह गए, 5:13 बजे सिरसा के रंजीत 19 थकान के कारण डूबने लगे। इन सभी को SI पंकज खरोला के नेतृत्व में मौजूद SDRF टीम ने डाइविंग और थ्रो बैग की सहायता से सकुशल बाहर निकाला।
बैरागी कैंप घाट पर 2 घटनाएं।
ब्रह्मपाल 38 बिजनौर निवासी, रेलिंग पार कर स्नान करते समय बह गए, सुशांत सिंह 33 पानीपत निवासी गंगा में छलांग लगाकर डूबने लगे,
गुड्डू कुमार और चंदन समेत SDRF टीम ने जान की परवाह किए बिना डाइव लगाकर रेस्क्यू कर जान बचाई।

प्रेमनगर आश्रम घाट पर 1 घटना।
रजनीश कुमार 20 जींद हरियाणा निवासी तेज बहाव में बहने लगे इस दौरान कांस्टेबल सुभाष की सतर्कता और त्वरित डाइव से उन्हें बचा लिया गया।

7 घटनाएं, 7 जीवन SDRF की वीरता का प्रतीक।
एसडीआरएफ उत्तराखंड की तैनात टीमें SI पंकज खरोला, ASI प्रमेन्द्र धस्माना, SI आशीष त्यागी, ADPC दीपक मेहता सहित जवानों ने अद्भुत साहस, समन्वय और संवेदनशीलता के साथ कार्य किया। सेवा, साहस और समर्पण की मिसाल बनी SDRF की यह कार्यवाही कांवड़ मेले में सुरक्षा की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रही। हरिद्वार जैसे भीड़भाड़ वाले धार्मिक आयोजन में SDRF निरंतर अग्रिम पंक्ति में रहते हुए जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।