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*आरक्षित वन भूमि पर दुकानदारों का कब्जा, नींर झरने के बाहर लगातार बढ़ रहा है अतिक्रमण, वनाग्नि काल में कूड़ा इकट्ठा करके जंगल में लगाते हैं आग, सड़क के दोनो तरफ पड़ी है शराब और बीयर की खाली बोतले*

(रिपोर्ट@ईश्वर शुक्ला)
ऋषिकेश/उत्तराखंड भास्कर – नरेंद्र नगर वन प्रभाग के अंतर्गत शिवपुरी रेंज के निर झरने के बाहर दर्जनों दुकानदारों ने आरक्षित वन भूमि पर कब्जा करके अच्छी खासी दुकाने बना ली है और यही दुकानदार कूड़ा करकट इकठ्ठा करके जंगल में फेकते हैं और जंगल में ही आग भी लगा दे रहे हैं जिससे जंगल में आग लगने का खतरा भी लगातार बना रहता है, अगर अगजनि हो गई तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता है जिससे करोड़ों अरबों की वन संपदा के नुकसान के साथ जंगली पशु पक्षी भी मरेंगे जिसका जिम्मेदार कौन होगा?

रविवार को सूचना पर विश्व स्तर की पहचान रखने वाली नीर झरने पहुंची उत्तराखंड भास्कर की टीम ने देखा कि झरने के बाहर कई दर्जन लोग अवैध तरीके से खाई से सड़क तक दुकान लगा रखी हैं और दुकान का सारा कूड़ा करकट वहीं आसपास फेंक रहे हैं। और कुछ लोग कूड़ा इकट्ठा करके जंगल में ही आग भी लगा दे रहे हैं और सड़क के दोनों तरफ शराब और बीयर की खाली बोतले भी देखने को मिली। बता दें कि इस तरह की शिकायत 3 साल पहले भी वन विभाग में की गई थी उस दौरान तत्कालीन रेंजर जुगल किशोर चौहान ने सारे अतिक्रमणों पर बुलडोजर चला दिया था। उसके बाद फिर धीरे-धीरे करके यहा अतिक्रमण कर दुकाने सजनी सुरु हो गई जिसको हटाने वाले जिम्मेदार खामोश बैठे हुए हैं। बता दें कि जंगलों को अग्नि से बचने के लिए सर्दियों से ही केंद्र और राज्य सरकार तथा वन विभाग की टीम लोगों को घर-घर स्कूल सार्वजनिक जगह पर जाकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं। और यहा नीर झरने के बाहर लोग आरक्षित वन भूमि पर कब्जा करके दुकान बना रहे हैं और कूड़ा करकट को जंगल में ही जला रहे हैं और यहा पर साफ सफाई की जिम्मेदारी भगवान भरोसे है। और साफ सफाई देखरेख करने के जिम्मेदार नीर झरना इको विकास समिति भी लापरवाह बना बैठा है।

इस दौरान वन क्षेत्राधिकारी शिवपुरी विवेक जोशी ने बताया कि इस तरह के कब्जे अतिक्रमण तथा जंगलों में आग लगाने की जानकारी मिली है। जल्द ही सभी अतिक्रमणों को हटाया जाएगा और जंगलों को अग्नि से सुरक्षा के सभी इंतजाम किए जाएंगे जिससे किसी भी प्रकार की वन संपदा का नुकसान ना हो।