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*निर्मल आश्रम अस्पताल में 17वाँ स्वैच्छिक रक्तदान शिविर, मानव सेवा से बढ़कर कोई कार्य नहीं : महंत बाबा राम सिंह जी महाराज*

 

(रिपोर्ट@ईश्वर शुक्ला)                                    ऋषिकेश/उत्तराखंड भास्कर – निर्मल आश्रम की इकाई एवं चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे निर्मल आश्रम अस्पताल ने आज अपने परिसर में 17वाँ स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया। यह शिविर, तीन दिवसीय बरसी समागम के दूसरे दिन, परिवर्तन चैरिटेबल ब्लड बैंक के सहयोग से सम्पन्न हुआ।

शिविर का उद्घाटन महंत बाबा राम सिंह महाराज और संत जोध सिंह महाराज ने रिबन काटकर किया। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा प्रत्येक मनुष्य को जीवनकाल में रक्तदान और मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प लेना चाहिए। मानव सेवा से बढ़कर इस दुनिया में कोई कार्य नहीं है। इस अवसर पर संत जोध सिंह  महाराज ने भी निर्मल आश्रम की ओर से चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर जनकल्याणकारी कार्यों को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया। 

                                   निर्मल आश्रम अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा. अजय शर्मा ने रक्तदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि रक्तदान से दिल की सेहत में सुधार होता है और हृदय रोग व स्ट्रोक का खतरा कम होता है। नियमित रक्तदान से शरीर में आयरन की अतिरिक्त मात्रा नियंत्रित रहती है। एक यूनिट रक्त को तीन भागों में विभाजित कर तीन अलग-अलग मरीजों को दिया जा सकता है। एक यूनिट रक्त से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है। हमें लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक करना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था साल में दो बार रक्तदान शिविर आयोजित करती है और इस कड़ी में यह 17वाँ रक्तदान शिविर रहा। इस शिविर में कुल 104 लोगों ने स्वेच्छा से रक्तदान कर मानवता की सेवा में अपना योगदान दिया। 

शिविर में वी.डी. नौटियाल, राजकुमार, डा. इंदू शर्मा, संदीप चौधरी, अमन रंधावा (परिवर्तन चैरिटेबल ब्लड बैंक), कुलदीप सिंह (दीप्पा जी), हरमनप्रीत सिंह, गुरजिंदर सिंह, दिनेश शर्मा, गुरदीप सिंह, दविंदर सिंह भट्टी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और शहर के अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

 

 

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